ताइवान को बड़े पैमाने पर हथियार बेचने के अमेरिकी फैसले पर चीन ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। बीजिंग ने साफ चेतावनी देते हुए कहा है कि जो भी ताइवान को हथियार देगा, उसे इसकी कीमत चुकानी होगी। इसी कड़ी में चीन ने 20 अमेरिकी रक्षा कंपनियों और 10 वरिष्ठ अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। चीनी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, यह कार्रवाई चीन के एंटी-फॉरेन सैंक्शंस लॉ के तहत की गई है और यह तत्काल प्रभाव से लागू होगी। मंत्रालय ने कहा कि बीते कुछ वर्षों में जिन अमेरिकी कंपनियों और अधिकारियों ने ताइवान को हथियार आपूर्ति में भूमिका निभाई है, उन्हें निशाना बनाया गया है।
किन कंपनियों पर गिरी गाज
प्रतिबंधों की सूची में नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन सिस्टम्स कॉरपोरेशन, एल3हैरिस मैरीटाइम सर्विसेज, बोइंग (सेंट लुईस), गिब्स एंड कॉक्स, वीएसई कॉरपोरेशन, रेड कैट होल्डिंग्स, टील ड्रोन, रीकॉनक्राफ्ट, एपिरस, ब्लू फोर्स टेक्नोलॉजीज समेत कुल 20 कंपनियां शामिल हैं। इन कंपनियों की चीन में मौजूद सभी चल-अचल संपत्तियां फ्रीज कर दी जाएंगी और चीनी संस्थाओं व नागरिकों को इनके साथ किसी भी तरह के कारोबार या सहयोग से रोक दिया जाएगा।
वरिष्ठ अधिकारियों पर भी प्रतिबंध
चीन ने प्रतिबंधों का दायरा कंपनियों तक सीमित नहीं रखा है। एंड्यूरिल इंडस्ट्रीज के संस्थापक पामर लकी सहित 10 वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है। इनके चीन में मौजूद परिसंपत्तियों पर रोक लगेगी और चीन से जुड़े किसी भी प्रकार के व्यावसायिक या अन्य गतिविधियों पर पाबंदी होगी।
‘ताइवान मुद्दा हमारी रेड लाइन’
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियार बेचना एक-चीन नीति और चीन-अमेरिका के संयुक्त समझौतों का गंभीर उल्लंघन है। मंत्रालय के प्रवक्ता ने दो टूक कहा ताइवान मुद्दा चीन के राष्ट्रीय हितों का मूल है और यह चीन-अमेरिका संबंधों में एक स्पष्ट रेड लाइन है। कोई भी देश या ताकत चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने के उसके संकल्प को कम नहीं आंक सकती।
अमेरिका से संयम बरतने की अपील
बीजिंग ने अमेरिका से अपने वादों का सम्मान करने, ताइवान को हथियारों की आपूर्ति रोकने और ताइवान जलडमरूमध्य में तनाव बढ़ाने वाले कदमों से बचने की अपील की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ तो चीन “सख्त और निर्णायक कदम” उठाता रहेगा।
क्यों बढ़ा तनाव?
दरअसल, पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने ताइवान के लिए 10 अरब डॉलर से अधिक के हथियार पैकेज को मंजूरी दी थी। इसमें मध्यम दूरी की मिसाइलें, हॉवित्जर तोपें और ड्रोन शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रस्तावित आठ हथियार पैकेजों की कुल कीमत 11.1 अरब डॉलर आंकी गई है, जिनमें HIMARS रॉकेट सिस्टम, जैवलिन और TOW एंटी-टैंक मिसाइलें भी शामिल हैं।
