Anxiety & Brain Tumor: मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर सबसे तेजी से बढ़ती चिंता बनी हुई हैं। किशोरों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी उम्र के लोगों में स्ट्रेस-एंग्जाइटी से लेकर डिप्रेशन तक के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। कई अध्ययनों से स्पष्ट होता है कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े होते हैं, जिसका मतलब है कि मानसिक विकारों का असर शारीरिक स्वास्थ्य और इसी तरह से शारीरिक समस्याओं का असर मेंटल हेल्थ को प्रभावित कर सकता है। यही कारण कि सभी लोगों को मानसिक और शारीरिक दोनों सेहत को ठीक रखने पर गंभीरता से ध्यान देते रहना चाहिए।
आंकड़ों से पता चलता है कि आज के समय में एंग्जाइटी यानी चिंता की समस्या युवाओं में बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है। पहले जहां इसे सामान्य तनाव या चिंता समझकर नजरअंदाज कर दिया जाता था, अब विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ मानसिक स्थिति नहीं, बल्कि कई बार गंभीर मानसिक स्वास्थ्य समस्या और कुछ मामलों में मस्तिष्क से संबंधित जानलेवा बीमारियों का कारण भी बन सकती है।
दुनियाभर में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के बारे में लोगों को शिक्षित करने, जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थय में सुधार के प्रयासों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से हर साल 10 अक्तूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है।
अमर उजाला में हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट में हमने बताया था कि किस तरह से देश में 65-70% छात्र स्ट्रेस-एंग्जाइटी जैसे मानसिक रोगों का शिकार हो सकते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, बार-बार होने वाली एंग्जाइटी की समस्या पर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत होती है। अध्ययनों से पता चलता है कि ये दिक्कत कुछ स्थितियों में ब्रेन में ट्यूमर की समस्या का संकेत हो सकता है, जोकि जानलेवा भी हो सकती है।
