Maharashtra: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य छात्रवृत्ति परीक्षा संरचना में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब कक्षा 4 और 7 के लिए पूर्व-उच्च प्राथमिक और पूर्व-माध्यमिक परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, संशोधित संरचना 2025-26 शैक्षणिक वर्ष से लागू की जाएगी, और इस बदलाव के दौरान, अंतिम कक्षा 5 और 8 छात्रवृत्ति परीक्षा फरवरी 2026 में आयोजित की जाएगी, जबकि नई कक्षा 4 और कक्षा 7 की परीक्षाएं अप्रैल या मई 2026 में आयोजित की जाएंगी।
इसमें कहा गया है कि शैक्षणिक वर्ष 2026-27 से कक्षा 4 और 7 के लिए परीक्षाएं नियमित रूप से आयोजित की जाएंगी।

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Bihar PMS Scholarship
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विज्ञप्ति में कहा गया है कि सरकार ने छात्रवृत्ति राशि को संशोधित कर कक्षा 4 के विद्यार्थियों के लिए 5,000 रुपये प्रति वर्ष तथा कक्षा 7 के विद्यार्थियों के लिए 7,500 रुपये प्रति वर्ष कर दिया है।
प्राथमिक स्तर (कक्षा 4) पर 16,693 तथा उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 7) पर 16,588 छात्रवृत्तियां प्रदान की जाएंगी।
1954-55 में शुरू की गई इस छात्रवृत्ति योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के मेधावी और आर्थिक रूप से वंचित छात्रों को प्रोत्साहित करना है।

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छात्रवृत्ति (Scholarship)
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इससे पहले 2015 में किए गए बदलाव के तहत परीक्षाएं कक्षा 5 और 8 में स्थानांतरित कर दी गई थीं, लेकिन तब से इसमें भाग लेने वाले छात्रों की संख्या में काफी गिरावट आई है।
इसलिए सरकार ने भागीदारी और शैक्षणिक प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए पहले की कक्षा स्तर पर लौटने का निर्णय लिया है।
संशोधित नियमों के अनुसार, सरकारी, सहायता प्राप्त, गैर-सहायता प्राप्त, स्थायी रूप से गैर-सहायता प्राप्त और स्व-वित्तपोषित स्कूलों के छात्र परीक्षा में बैठने के पात्र हैं। सीबीएसई, आईसीएसई और अन्य मान्यता प्राप्त बोर्ड के छात्र भी कुछ शर्तों के अधीन परीक्षा में भाग ले सकेंगे।

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आवेदन शुल्क
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परीक्षा वर्ष की 1 जून तक कक्षा 4 की परीक्षा के लिए अधिकतम आयु सीमा 10 वर्ष (विकलांग छात्रों के लिए 14 वर्ष) तथा कक्षा 7 की परीक्षा के लिए 13 वर्ष (विकलांग छात्रों के लिए 17 वर्ष) है।
सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए परीक्षा शुल्क 200 रुपये और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, घुमंतू जनजाति, विमुक्त जनजाति और दिव्यांग छात्रों के लिए 125 रुपये होगा। प्रत्येक प्रतिभागी विद्यालय को परीक्षा परिषद को 200 रुपये वार्षिक पंजीकरण शुल्क भी देना होगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्राथमिक छात्रवृत्ति परीक्षा (कक्षा 4) सरकारी, जनजातीय और विमुक्त एवं घुमंतू जनजाति विद्यानिकेतन के लिए प्रवेश परीक्षाओं के साथ संयुक्त रूप से आयोजित की जाती रहेगी तथा प्रत्येक छात्रवृत्ति तीन वर्ष की अवधि के लिए प्रदान की जाएगी।
