कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को ट्रैक्टर और कृषि उपकरण निर्माताओं से अपील की कि 22 सितंबर से लागू होने वाली जीएसटी कटौती का सीधा लाभ किसानों तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस कदम से अलग-अलग श्रेणी के ट्रैक्टरों की कीमतों में 23,000 रुपये से लेकर 63,000 रुपये तक की कमी आएगी।
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कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर उपलब्ध मशीनों की लागत घटेगी
चौहान ने कृषि उपकरण कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद कहा कि जीएसटी में कमी से न केवल ट्रैक्टर सस्ते होंगे बल्कि देशभर में चल रहे कस्टम हायरिंग सेंटर्स (CHCs) पर उपलब्ध मशीनरी की लागत भी घटेगी। इसके चलते किसानों को किराये पर मशीनें लेने में भी राहत मिलेगी। कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) का प्राथमिक उद्देश्य सीमांत और छोटे किसानों को रियायती दरों पर कृषि उपकरण और मशीनरी किराए पर उपलब्ध कराना है।
इस बैठक में ट्रैक्टर एवं मशीनीकरण एसोसिएशन (टीएमए), कृषि मशीनरी निर्माता एसोसिएशन (एएमएमए), अखिल भारतीय कम्बाइन हार्वेस्टर निर्माता एसोसिएशन (एआईसीएमए), पावर टिलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (पीटीएआई) और अन्य संबंधित संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
केंद्र का उद्देश्य
चौहान ने कहा कि जीएसटी में कमी से किसानों को सीधा लाभ होगा। सरकार का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना है, जिसके लिए न केवल उत्पादन बढ़ाना जरूरी है, बल्कि खेती की लागत को भी कम करना है।
किन ट्रैक्टर पर होगी कितनी कटौती?
मंत्री ने विभिन्न ट्रैक्टर श्रेणियों में अपेक्षित मूल्य कटौती की जानकारी दी। इसमें 35 एचपी ट्रैक्टरों के लिए 41,000 रुपये, 45 एचपी ट्रैक्टरों के लिए 45,000 रुपये, 50 एचपी ट्रैक्टरों के लिए 53,000 रुपये और 75 एचपी ट्रैक्टरों के लिए 63,000 रुपये। बागवानी में इस्तेमाल होने वाले कॉम्पैक्ट ट्रैक्टरों की कीमत में लगभग 23,000 रुपये की कमी आएगी।
मंत्री ने यह भी कहा कि कस्टम हायरिंग सेंटरों को कृषि मशीनें सस्ती दरों पर मिलेंगी और किराये में भी उसी हिसाब से कमी आएगी। उन्होंने आगे कहा कि हम इस पर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार छोटे कृषि उपकरणों के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेगी। इनका उपयोग छोटे किसान कृषि मशीनीकरण को बढ़ावा देने के लिए कर सकते हैं।
