कर्नाटक की राजनीति में चल रहे नेतृत्व संकट के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का दिल्ली दौरा सियासी हलकों में खासा चर्चा में है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया 27 दिसंबर को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की अहम बैठक में शामिल होने के लिए राजधानी पहुंचे, जहां पार्टी की शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं।
यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब राज्य में उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उनके समर्थकों द्वारा लगातार उठाई जा रही है। सिद्धारमैया ने हालांकि साफ किया कि उनका दिल्ली दौरा केवल पार्टी बैठक के लिए है। दावणगेरे में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा मैं CWC बैठक के लिए जा रहा हूं, लेकिन मैं बार-बार दिल्ली नहीं जाता।
पार्टी हाईकमान साथ है- सीएम सिद्धारमैया
मुख्यमंत्री ने हाल ही में विधानसभा में दावा किया था कि पार्टी हाईकमान उनके साथ है और वे अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी संकेत दिए कि पार्टी के भीतर चल रही सभी गलतफहमियां जल्द दूर हो जाएंगी। दिल्ली रवाना होने से पहले खरगे ने कहा मैं वहीं बात करूंगा, यहां क्यों करूं?” जब उनसे नेतृत्व विवाद पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने भरोसा दिलाया कि सब सुलझ जाएगा। वहीं, डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को पूरी तरह खारिज किया है। उन्होंने कहा कि यह सब मीडिया की बातें हैं, पार्टी या सरकार में ऐसी कोई चर्चा नहीं है। दिल्ली में मौजूद शिवकुमार ने यह भी साफ किया कि वे इस दौरे में किसी से मुलाकात नहीं कर रहे हैं।
जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें
हालांकि, कांग्रेस विधायक और शिवकुमार के करीबी एच.ए. इकबाल हुसैन ने जनवरी के पहले या दूसरे हफ्ते में नेतृत्व परिवर्तन की भविष्यवाणी कर राजनीतिक सरगर्मी और बढ़ा दी है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि CWC बैठक का एजेंडा नेतृत्व परिवर्तन नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करना है। इस बैठक में कर्नाटक के अलावा तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शामिल होंगे।
